"दौलताबाद किल्ला : महाराष्ट्र का ऐतिहासिक गौरव"

दौलताबाद किल्ला

"महाराष्ट्र का ऐतिहासिक गौरव"

दौलताबाद किल्ला

अगर आप घूमने के साथ-साथ इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं, तो दौलताबाद फोर्ट आपके लिए एक बेस्ट जगह हो सकती है। दौलताबाद छत्रपती संभाजीनगर से 14 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में बसा एक 14 वीं सदी का शहर है. शुरू में इस किले का नाम देवगिरी था जिसका निर्माण कैलाश गुफा का निर्माण करने वाले राष्ट्रकुट शासक ने किया था. अपने निर्माण वर्ष (1187-1318) से लेकर 1762 तक इस किले ने कई शासक देखे. इस किले पर यादव, खिलजी, तुगलक वंश ने शासन किया.

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दौलताबाद किल्ला का निर्माण चालुक्य वंश के शासक भीलमा ने 12 वीं सदी 1887 में किया था। इस किल्ले का मूल नाम "देवगिरी किल्ला" था और यह महाराष्ट्र राज्य के दौलताबाद शहर के पास स्थित है। दौलताबाद किल्ला ने अपने युद्धप्रद इतिहास और स्थानीय महत्व के लिए प्रसिद्ध होते हुए, अलग-अलग राजवंशों और सुलतानतों के द्वारा अपना महत्व बढ़ाते रहा है। साल 1327 की शुरुआत में मुहम्‍मद बिन तुगलक के शासनकाल में देवगिरि क्षेत्र राजधानी भी रहा है। मुहम्‍मद बिन तुगलक ने ही इस किले का नाम बदलकर दौलताबाद रखा था। इतिहासकारों द्वारा बताया जाता है कि इस दौलताबाद किला को सीधे-सीधे किसी के द्वारा भी नहीं जीता गया, इस किला को जीतने के लिए छल कपट की सहायता ली गई तब जाकर किसी वंश ने इस किला पर अपना शासन स्थापित कर पाए। कहा जाता है कि इस किला पर यादव, खिलजी, तुगलक और मुगलों द्वारा भी शासन किया गया था।

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यह किला करीब 200 मीटर ऊंचा है। इसमें प्रवेश करने का रास्ता सिर्फ एक पुल है जिसे सिर्फ दो ही व्यक्ति एक बार में इस्तेमाल कर सकते हैं। कहा जाता है कि किले को इस तरह से बनाया गया है कि इसे कभी कोई बादशाह अंदर घुसकर जीत नहीं सका। दौलताबाद किल्ले की कोट की दीवारें अत्यंत मजबूत हैं और इसमें किले की सुरक्षा के लिए बनाई गई हैं। इन दीवारों को देखकर यात्री किले के ऐतिहासिक महत्व को समझ सकते हैं। किले के अंदर भूल भुलैया एक रहस्यमय स्थान है जिसमें कई छोटे-छोटे गलियां और टनल्स हैं। यहां खो जाना एक चुनौतीपूर्ण और रोमांटिक अनुभव हो सकता है। किले के अंदर एक रंगीन महल है जो इब्राहीम आदिल शाह II ने बनवाया था। इसमें खूबसूरत चित्रकला और स्थापत्य कला का संगम है।किले में स्थित चांद मिनार, चिनी महल और बरदरी पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध हैं। 1435 ईस्वी में अलाउद्दीन बहमन शाह द्वारा चांद मिनार का निर्माण करवाया गया था। यह 63 मीटर ऊंचा है और मस्जिद के विपरीत है। चिनी महल इस किले के निचले हिस्से में स्थित है। कहा जाता है कि यह वही जगह है जहां राजा गोलकुंडा को 1687 ईस्वी में औरंगजेब ने कैद किया था। वहीं बरदरी शिखर पर स्थित है।

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दौलताबाद किले का खुलने का समय :

दौलताबाद किला सुबह 06:00 AM में खुलता और शाम 06:00 PM में बंद हो जाता है। आप अगर इस किला को विजिट करने जाने वाले हो तो आप इसी बतायें गये समय के बीच विजिट कर सकते है। इस किला को खोलने एवं बंद करने का समय में ऋतु के अनुसार थोड़ा बहुत बदलाव भी किया जाता है।

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प्रवेश शुल्क :

दौलताबाद किला को विजिट करने के लिए पर्यटकों को प्रवेश शुल्क के रूप में कुछ चार्ज देने पड़ते हैं। इस दौलताबाद किला को विजिट करने के लिए पर्यटकों को प्रवेश शुल्क के रूप में एक भारतीय को ₹50 तो वही विदेशियों को ₹300 का चार्ज देना पड़ता है।

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दौलताबाद किले के आसपास घूमने की जगहें :

1.एलोरा गुफा :

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2.कैलाशनाथ मंदिर :

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दौलताबाद कैसे पहुँचे :

आप वायु मार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग द्वारा दौलताबाद किला काफी आसानी से पहुंच सकते हैं।

वायु मार्ग द्वारा अगर आप दौलताबाद किला को विजिट करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इस दौलताबाद किला के नजदीकी हवाई अड्डा छत्रपती संभाजीनगर शहर में स्थित छत्रपती संभाजीनगर एयरपोर्ट है। छत्रपती संभाजीनगर एयरपोर्ट से दौलताबाद किला के बीच की दूरी तकरीर पर 23 KM है। आप अपने यहां से दौलताबाद किला के नजदीकी छत्रपती संभाजीनगर एयरपोर्ट पर पहुंचने के उपरांत यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन की सहायता से आप दौलताबाद किला काफी सरलता पूर्वक पहुंच सकते हैं।

रेलवे मार्ग के द्वारा अगर आप दौलताबाद किला को ट्रेन से जाकर विजिट करना चाहते हैं, तो आपको बता दें इस दौलताबाद किला के नजदीकी मुख्य रेलवे स्टेशन छत्रपती संभाजीनगर शहर में स्थित छत्रपती संभाजीनगर रेलवे स्टेशन है। दौलताबाद किला और छत्रपती संभाजीनगर रेलवे स्टेशन के बीच की दूरी केवल 15 किलोमीटर है। आप अपने यहां से रेलवे मार्ग द्वारा छत्रपती संभाजीनगर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के उपरांत यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन जैसे – ऑटो, टैक्सी, ई-रिक्शा की मदद से आप इस दौलताबाद किला को आसानी से विजिट कर सकते हैं।

छत्रपती संभाजीनगर जिला में स्थित दौलताबाद किला को अगर आप सड़क मार्ग द्वारा आकर विजिट करना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि आप अपने यहां से सड़क मार्ग के माध्यम से छत्रपती संभाजीनगर काफी आसानी से पहुंच सकते हैं। क्योंकि छत्रपती संभाजीनगर के लिए छत्रपती संभाजीनगर के नजदीकी शहर जैसे – मुंबई, पुणे जैसे शहरों से डायरेक्ट बसों का भी संचालन होता है, जिसकी मदद से आप छत्रपती संभाजीनगर काफी आसानी से पहुंच सकते हैं। छत्रपती संभाजीनगर पहुंचने के उपरांत आप यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन जैसे – ऑटो, कैब या टैक्सी की मदद से आप इस दौलताबाद किला तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

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